करियर काउंसलिंग :

इस योजना का उद्देश्य करियर काउंसलिंग शिविरों का आयोजन कर बेरोजगारों को शिक्षण,प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसरों के अनुरूप विषय चयन में सहायता करना तथा रोजगार बाजार में उपलब्ध अवसरों के जानकारी प्रदान करना है. सेवायोजन विभाग में व्यवसाय मार्गदर्शन कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों एवं बेरोजगारों को उपयुक्त आजीविका के चयन हेतु मार्गदर्शन प्रदान किये जाने का कार्य भारत सरकार के राष्ट्रीय रोजगार सेवा मैनुवल में की गयी व्यवस्था के अनुसार किया जाता है. इस योजना के अन्तर्गत अभ्यर्थियों की शैक्षिक उपलब्धियों‚ रूचि–अभिरूचि‚ पारिवारिक और आर्थिक पृष्ठभूमि और व्यवसाय जगत की परिवर्तनशील गतिविधियों के आधार पर व्यवसायिक मार्गदर्शन और मंत्रणा प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम के सम्यक् संचालन हेतु सेवायोजन कार्यालयों को शैक्षिक संस्थानों से सघन सम्पर्क स्थापित करना होता है।

उक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्ष 2006–07 में निदेशालय स्तर पर कॅरियर काउन्सिलिंग सेल की स्थापना की गयी‚ जिसका मुख्य उद्देश्य करियर काउन्सिलिंग हेतु क्षेत्र के कार्यालयों के लिए लक्ष्यों का निर्धारण और उन्हें समय–समय पर मार्गदर्शन देना है। वर्ष 2008 में व्यवसाय मार्गदर्शन कार्यक्रम को अधिक गतिशील बनाने की दिशा में “अभिनव प्रयास एवं नूतन दिशायें” कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के सघन एवं समन्वित कार्यक्रमों को आयोजित किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी तथा इस कार्यक्रम का नाम “करियर काउन्सिलिंग” कर दिया गया। वर्ष 2008–09 में ʺअवसर‘‘ नामोदिष्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रीय एवं जिला सेवायोजन कार्यालयों के अतिरिक्त विश्वविद्या्लय सेवायोजन सूचना एवं मंत्रणा केन्द्रों द्वारा लक्ष्यानुरूप कार्यशालाएँ आयोजित की गयी। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष करियर काउन्सिलिंग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है.

  • अवसर दिवस – प्रत्येक वर्ष 06 जनवरी को
  • समाधान अवसर – 15 अप्रैल से 31 जुलाई के मध्य
  • अपना व्यवसाय चुनिए पखवाडा – 15 अगस्त से 31 अगस्त के मध्य
  • करियर काउन्सिलिंग (सेमीनार⁄ कार्यशाला) – सितम्बर से दिसम्बर तक